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पटना4 घंटे पहले
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स्व. सुशांत की फिल्म छिछोरे को और मनोज को नेशनल अवार्ड्स मिलेगा।
मार्च का यह महीना बिहार के लिए बेहद ख़ास रहा है। इसी माह बिहार की बेटी अनामिका की झोली में हिंदी का साहित्य अकादमी पुरस्कार आया है। अब बिहार के दो बेटों को 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में जगह मिली है। मनोज बाजपेयी को उनकी फिल्म भोंसले (2018) के लिए बेस्ट एक्टर का अवार्ड देने की घोषणा की गई है। मरहूम सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म छिछोरे (2019) को बेस्ट फीचर फिल्म (हिंदी) के लिए नेशनल अवार्ड दिया जाएगा। मनोज बाजपेयी यह अवार्ड एक्टर धनुष (असुरन-तेलुगु) के साथ साझा करेंगे।
बेटे के लिए अवार्ड की बात सुन पिता की आंखें हुई नम
सुशांत सिंह राजपूत पटना के ही रहने वाले थे। बीते वर्ष 14 जून को उनका शव मुंबई के उनके घर में मिला था। सुशांत की फिल्म छिछोरे वर्ष 2019 में आई थी। आज जब इसे हिंदी में बेस्ट फीचर फिल्म के नेशनल अवार्ड की घोषणा हुई तो पटना में उनके पिता की आंखें भर आई। एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने बेटे को कम से कम इतना सम्मान तो दिया। जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई अब मुश्किल है, लेकिन ख़ुशी है कि उन्हें इस सम्मान से नवाजा गया। उन्होंने कहा कि छिछोरे फिल्म एक बार देखी थी। अच्छी सामाजिक फिल्म थी।
CM नीतीश ने भी दी बधाई
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपनी ख़ुशी जाहिर की है। नीतीश ने कहा, काफी गौरव की बात है कि बिहार के हिस्से में ये दोनों नेशनल अवार्ड आए हैं। मनोज वाजपेयी को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि वे अपने कुशल अभिनय के लिये जाने जाते रहे हैं। उन्होंने कई हिन्दी फिल्मों में अपनी अद्भुत अभिनय क्षमता का लोहा मनवाया है। नीतीश ने ‘छिछोरे’ को बेस्ट हिंदी फिल्म का अवार्ड मिलने पर स्व. सुशांत सिंह राजपूत के पिता को बधाई व शुभकामना दी। कहा सुशांत ने भी काफी कम समय में हिन्दी फिल्मों में अपनी महत्वपूर्ण पहचान बनायी थी।
देरी से घोषित हुए हैं नेशनल अवार्ड
ये अवॉर्ड्स एक साल की देरी से घोषित हुए हैं, क्योंकि पिछले साल कोरोना महामारी के चलते ऐसा नहीं हो सका था। ये अवॉर्ड्स केंद्र सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले फिल्म फेस्टिवल निदेशालय द्वारा दिए जाते हैं। ये पुरस्कार पारंपरिक रूप से राष्ट्रपति के हाथों वितरित किए जाते हैं। हालांकि 66वें पुरस्कार उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने दिए थे। जबकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विजेताओं के साथ हाई टी की मेजबानी की थी।